खराब बीज से पौधे तैयार करना अपराध माना जाएगा






 


















भोपाल।  मध्य प्रदेश में खराब बीज या खाद से पौधे तैयार करना अपराध होगा। राज्य सरकार वन विभाग की नर्सरियों में तैयार किए जाने वाले पौधों को लेकर 'मप्र वन रोपिणी अधिनियम एवं नियम" कानून बना रही है। कानून बनने के बाद विभाग और जंगली पौधों को उगाने वाली नर्सरियों को पौधे तैयार करने के लिए स्टैंडर्ड तकनीक का पालन करना होगा। उन्हें पौधों की ऊंचाई डेढ़ फीट से ज्यादा रखनी होगी और ग्रेडिंग, शिफ्टिंग व स्पेसिंग के मापदंडों का पालन करना होगा। प्रदेश में वृहद पौधारोपण अभियान के तहत लगाए गए पौधों की जीवितता का प्रतिशत 30 से कम होने का पता चलने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। शिवराज सरकार ने दो जुलाई 2017 को सात करोड़ पौधे लगाए थे। वनमंत्री उमंग सिंघार की जांच में इनमें से 20 से 30 फीसदी पौधे ही जीवित पाए गए। इसे देखते हुए वन विभाग रोपणी कानून बना रहा है। इसमें नेशनल स्टैंडर्ड के मापदंडों के अनुसार पौधे उगाना अनिवार्य किया जाएगा। वन विभाग ने कानून का मसौदा तैयार कर लिया है। विभागीय स्तर की बैठक के बाद इसी माह प्रारूप शासन को भेजा जाएगा। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1954 में भारत सरकार ने उद्यानिकी विभाग की नर्सरियों के लिए यह कानून बनाया था, जिसे वर्ष 2012 में राज्य सरकार ने उद्यानिकी विभाग की नर्सरियों के लिए लागू किया है। अब वन विभाग की नर्सरियों के लिए ऐसा किया जा रहा है। जंगली प्रजाति के पौधे तैयार करने वाली निजी नर्सरियों पर भी यह कानून लागू होगा, ताकि इन नर्सरियों में भी गुणवत्तायुक्त पौधे तैयार किए जा सकें। यदि पौधे गुणवत्तायुक्त नहीं हुए तो नर्सरी संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान भी किया जा रहा है। निजी नर्सरी संचालकों को जंगली प्रजाति के पौधे तैयार करने के लिए विभाग में रजिस्ट्रेशन कराना भी अनिवार्य होगा। इस कानून के तहत विभाग अपनी बंद पड़ी नर्सरियों को निजी हाथों में भी सौंप सकेगा।